हीरों के वंशज....
कोयले का
मूल्य भी
हम लोग
काफी कम
करके आंकते हैं
हीरे के पुरखे को
महज ठीकरा मान
दुत्कारते और
गलियाते हैं
....
उस मासूम
गरीब को
आखिर इतना
क्यों सताते हैं
खुद भी तो
साधारण और
जरा सी आंच पा
अंगार बन
पूरे संसार में
धुंए सा
बिखर जाते हैं
....
अगर
है दम
तो क्यों न
हम सब
भी
असहनीय
ताप सहकर
कोयले से हीरा
बन जाएं
....
और तब
बेचारा
कोयला
भी
जीवन भर
खुद को
अशुभ और
अभिश्प्त
मानने से
बच जाए
........
........
-उज्जवला ज्योति तिग्गा-
कोयले का
मूल्य भी
हम लोग
काफी कम
करके आंकते हैं
हीरे के पुरखे को
महज ठीकरा मान
दुत्कारते और
गलियाते हैं
....
उस मासूम
गरीब को
आखिर इतना
क्यों सताते हैं
खुद भी तो
साधारण और
जरा सी आंच पा
अंगार बन
पूरे संसार में
धुंए सा
बिखर जाते हैं
....
अगर
है दम
तो क्यों न
हम सब
भी
असहनीय
ताप सहकर
कोयले से हीरा
बन जाएं
....
और तब
बेचारा
कोयला
भी
जीवन भर
खुद को
अशुभ और
अभिश्प्त
मानने से
बच जाए
........
........
-उज्जवला ज्योति तिग्गा-
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