आदिम गूंज ७

गुमनाम इतिहास


जब एक फूल
तोड़ लेने भर से
मच जाती है
तारों में भी खलबली
फिर
वक्त के किसी भी
लम्हे में क्यों
मिलता नहीं कहीं
जिक्र तक अपना
........
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वक्त का कारवां
गुजरता रहता है सामने से
किसी अजनबी की तरह
और वक्त की झिर्रियों में से
झाकते भर रह जाते हैं
अजूबा और पहेली बनकर
........
........

-उज्जवला ज्योति तिग्गा-

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