आदिम गूंज १०

परिवर्तन का काफ़िला

आंधी झंझावात से जूझते
बदबूदार काई और कीचड़ के
असंख्य अंधेरे
नारकीय गलियारों भरे
गुफ़ाओं से गुजरकर
आगे बढ़ता है
परिवर्तन का काफ़िला
चुनौतियों के टेढ़े-मेढ़े
ऊंचे नीचे रास्तों
और संकरे डगर पर
अपने नए प्रतिमानों की
ध्वजा फ़हराते
नए-नए धारदार
और पैने हथियारों से लैस
कि सामना कर सके
बेखौफ़/बेखटके
रास्ते में अपने विरूद्ध
नजर आने वाले
सभी अवरोध
विरोध और गतिरोध का
उनका हौसला
इस बार तो
आंधी के थपेड़ों से भी
चुकता नही
चोटियों से गिरने पर भी
टूटता नहीं
........
........


-उज्जवला ज्योति तिग्गा-

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