काला इंद्रधनुष
अभी/ आपके लिए/ वे
महज
साधन हैं/ पुर्जे हैं
टट्टू हैं/ पिठ्ठू हैं
उन्हें सिखाकर/ पटाकार/
बहलाकर/ फ़ुसलाकर
कुछ भी करते रहिए
कुछ भी करवाते रहिए
........
महज
साधन हैं/ पुर्जे हैं
टट्टू हैं/ पिठ्ठू हैं
उन्हें सिखाकर/ पटाकार/
बहलाकर/ फ़ुसलाकर
कुछ भी करते रहिए
कुछ भी करवाते रहिए
........
वे महज भेड़ें हैं
जिधर चाहे हांक लीजिए
महज गऊएं हैं वे अभी
चाहे जहां चरा आइए
पर/ जब वे आंख खोलेंगे
जबान खोलेंगे/ हाथों से तौलेंगे
आपकी हर बात ....
आपकी हर घात ....
आपकी हर चाल ....
जिधर चाहे हांक लीजिए
महज गऊएं हैं वे अभी
चाहे जहां चरा आइए
पर/ जब वे आंख खोलेंगे
जबान खोलेंगे/ हाथों से तौलेंगे
आपकी हर बात ....
आपकी हर घात ....
आपकी हर चाल ....
तब ........
तब क्या करेंगे आप !?
...
...
तब क्या करेंगे आप !?
...
...
-उज्जवला ज्योति तिग्गा-
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